नज़र ने नज़र से मुलाकात की,
बिना कुछ बोले हज़ारो बातें की,
किसी झील सी गहरी तुम्हारी आखों में,
किसी तस्वीर सी कहती तुम्हारी आखों में,
इक अलग एहसास बना देती है मेरे दिल में,
कुछ खास लम्हा बना देती है मेरी ज़िन्दगी में,
कहने को तो बहुत सा मन करता है,
पर हर पल तुम्हारी आखों में खो जाने का मज़ा अपना है,
बस मैं तुम्हे और तुम मुझे देखती रहो यही सपना है...
बिना कुछ बोले हज़ारो बातें की,
किसी झील सी गहरी तुम्हारी आखों में,
किसी तस्वीर सी कहती तुम्हारी आखों में,
इक अलग एहसास बना देती है मेरे दिल में,
कुछ खास लम्हा बना देती है मेरी ज़िन्दगी में,
कहने को तो बहुत सा मन करता है,
पर हर पल तुम्हारी आखों में खो जाने का मज़ा अपना है,
बस मैं तुम्हे और तुम मुझे देखती रहो यही सपना है...
